चीन को करारा जवाब देने के लिए सेना व वायुसेना की तैयारी पूरी

लेह

चिनूक हेलीकॉप्टर

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव के बीच चीन के किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब देने के लिए सेना व वायुसेना ने पूरी तैयारी की है। एलएसी पर लद्दाख के आसमान में शुक्रवार को सुखोई-30 एमकेआई जंगी विमानों, अपाचे व चिनूक हेलीकॉप्टरों ने एक के बाद एक आसमान में उड़ान भरी।

अभी भी गलवां घाटी, पैंगोंग झील और दौलत बेग ओल्डी इलाके में चीनी सेना की तैनाती पहले जैसी होने के चलते भारत ने भी सीमा पर सैन्य संसाधन और सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है।
सूत्रों के अनुसार, गलवां घाटी में हिंसक झड़प के बाद लद्दाख में सेना और वायुसेना को अलर्ट पर रखे जाने के साथ ही निगरानी और रक्षा तैयारियों को तेज कर दिया गया है। कई दिनों से लड़ाकू और सेना की रसद सामग्री व जवानों को ले जाने के लिए हरक्यूलिस व अलग-अलग मालवाहक विमान उड़ान भर रहे हैं।
पैंगोंग झील से आसपास के इलाकों में अपाचे उड़े। चीन से सटी एलएसी की तरह ही कारगिल में पाकिस्तान से लगती एलओसी पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

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पीछे हट रही चीनी सेना, पर नहीं ढहाए ढांचे
पूर्वी लद्दाख के तनावग्रस्त गलवां, पैंगोंग झील और हॉट स्प्रिंग से चीन की सेना की संख्या कम होती दिख रही है। हालांकि, वहां  पक्के और कच्चे ढांचे नहीं ढहाए गए हैं।

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मिल कर 22 जून  को कोर कमांडर की बैठक के बाद के जमीनी हालात की जानकारी दी।  जनरल नरवणे पूर्वी लद्दाख की दो दिन की यात्रा कर दिल्ली लौटे हैं।

दौरे के दौरान वह एलएसी के कई संवेदनशील फॉरवर्ड पोस्ट पर भी गए।  इन जगहों से लिए गए सैटेलाइट इमेज की पड़ताल खुफिया संस्था नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन कर रहा है।

 

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